चित्तौड़गढ़

मेवाड़ यूनिवर्सिटी में डिग्री फर्जीवाड़ा: कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने किया औचक निरीक्षण, बोले- FIR होगी दर्ज

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चित्तौड़गढ़, राजस्थान। गंगरार स्थित मेवाड़ यूनिवर्सिटी में एग्रीकल्चर डिग्री और डिप्लोमा को लेकर गंभीर फर्जीवाड़ा सामने आया है। मंगलवार को राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने बिना पूर्व सूचना के अचानक यूनिवर्सिटी पहुंचकर निरीक्षण किया। मंत्री ने छात्रों से सीधे बातचीत की और डिग्री प्रक्रिया की सच्चाई उजागर की।


🔍 दो घंटे की पढ़ाई में एक साल की डिग्री!

मंत्री को शिकायत मिली थी कि यूनिवर्सिटी में एक साल की डिग्री के नाम पर छात्रों को सिर्फ दो घंटे पढ़ाया जाता है। मौके पर पहुंचे मंत्री ने कहा कि, “यह तो बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है, सरकार इस पर सख्त कदम उठाएगी।”


📚 योग्यता से पहले ‘डॉक्टर’ बना दिए प्रोफेसर

कृषि मंत्री ने फैकल्टी नियुक्तियों में भी अनियमितताएं उजागर कीं। उन्होंने कहा:

  • डॉ. निकिता जैन – पीएचडी 2023 में, लेकिन नियुक्ति 2021 में
  • डॉ. मनोहरलाल मेघवाल – पीएचडी 2023 में, नौकरी 2020 में
  • डॉ. रामगोपाल धाकड़ – डिग्री 2023 में, नियुक्ति 2022 में

“डिग्री मिलने से पहले डॉक्टर बनाना सरासर गलत है।” – मंत्री मीणा


📄 डिग्रियों पर गलत हस्ताक्षर, बिना परीक्षा पास हुए छात्र सफल

  • कुछ डिग्रियों पर रजिस्ट्रार के साइन, जबकि नियम के अनुसार वाइस चांसलर के हस्ताक्षर अनिवार्य
  • अनुराग सिंह धाकड़, ओमप्रकाश रेगर और सोनम राजपूत की डिग्रियों में यही गड़बड़ी मिली।
  • प्राची सिंह – एमएससी मार्कशीट 25 जून 2024, नौकरी 23 फरवरी 2024
  • एग्जाम शीट्स में जवाब नहीं, फिर भी छात्र फर्स्ट डिवीजन से पास!

🗣️ मंत्री बोले – “यह यूनिवर्सिटी फर्जी डिग्रियां बांट रही है”

  • “यह यूनिवर्सिटी बिना ICAR मान्यता के कृषि डिग्रियां दे रही है।”
  • “बच्चे RPSC या UPSC में कहीं पात्र नहीं माने जाएंगे।”
  • “मैं स्वयं FIR दर्ज करवाऊंगा और **एसओजी से रिपोर्ट तलब करूंगा।”

📢 शिकायतकर्ता ने किया खुलासा – 50 हजार में डिग्री!

बीकानेर के स्वतंत्र बिश्नोई ने मंत्री को बताया:

“मैं कॉमर्स का छात्र हूं, लेकिन दलाल ने 50 हजार लेकर मुझे मेवाड़ यूनिवर्सिटी भेजा। वहां पढ़ाई नहीं हुई, बस एग्जाम दिया और बिना लिखे फर्स्ट डिवीजन में पास कर दिया गया।”


🏫 यूनिवर्सिटी प्रशासन की सफाई

रजिस्ट्रार डॉ. सीडी कुमावत ने सफाई दी:

“हमने कोई नियम नहीं तोड़े। राज्य के बाहर के छात्रों को बिना JET ले सकते हैं। सभी कक्षाओं के ऑनलाइन रिकॉर्ड हैं।”

हालांकि जब मंत्री ने खाली कॉपियों और गलत डिग्रियों की बात रखी, तो वाइस चांसलर के पास कोई जवाब नहीं था।


📌 बड़ी बातें – एक नजर में:

  • 📌 डिग्री मिलने से पहले ही नौकरी
  • 📌 8 नंबर लाकर भी छात्र पास
  • 📌 बिना साइन की एग्जाम कॉपियां
  • 📌 ICAR की मान्यता नहीं, फिर भी कृषि डिग्रियां
  • 📌 MSc/MTech की डिग्री से पहले नियुक्ति

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