चित्तौड़गढ़

हरियाली अमावस्या पर श्री सांवलियाजी मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब: पदयात्रा, भव्य श्रृंगार और भक्ति का अद्भुत संगम

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मेवाड़ के श्री सांवलिया सेठ जी मंदिर में हरियाली अमावस्या के पावन अवसर पर श्रद्धा और भक्ति की अविस्मरणीय छटा देखने को मिली। सुबह 4 बजे से ही मंदिर परिसर में भक्तों की लंबी कतारें लगना शुरू हो गई थीं। हर माह की अमावस्या को यहाँ श्रद्धालुओं का आगमन होता है, लेकिन हरियाली अमावस्या का विशेष धार्मिक महत्व होने के कारण इस बार की भीड़ कई गुना अधिक रही।


🌄 सुबह मंगला आरती से गूंजा “जय सांवलिया सेठ”

जैसे ही सुबह 5:30 बजे मंगला आरती के लिए मंदिर के पट खोले गए, श्रद्धालुओं ने “जय सांवलिया सेठ” के जयकारों के साथ दर्शन किए।
आरती के समय मंदिर परिसर पूरी तरह भक्तिमय हो गया।
भक्त कतारों में लगकर दर्शन करते रहे और दोपहर तक यह सिलसिला चलता रहा।


👑 भव्य श्रृंगार और दिव्य दर्शन

हरियाली अमावस्या के पावन दिन भगवान श्री सांवलिया सेठ को:

  • विशेष श्रृंगार
  • सोने के वाघा (परिधान)
    …धारण कराए गए।

सुबह और शाम दोनों समय विशेष अलंकरण के दर्शन श्रद्धालुओं के लिए कराए गए।
श्रद्धालुओं का कहना था कि भगवान का स्वरूप अत्यंत मोहक और दिव्य प्रतीत हो रहा था।


🌱 हरियाली अमावस्या का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व

हरियाली अमावस्या को मेवाड़ अंचल में प्रकृति और भक्ति के उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
लोग इस दिन प्रकृति, हरियाली और भगवान के प्रति आभार प्रकट करते हैं।
श्री सांवलियाजी जैसे पवित्र स्थल पर दर्शन को पुण्यदायी और जीवन का सौभाग्य माना जाता है।


🧭 पदयात्रियों का उत्साह चरम पर

चित्तौड़गढ़ और आसपास के गांवों जैसे:

  • चिकारड़ा
  • घोड़ा खेड़ा
  • भादसोड़ा
  • बानसेन

…से हजारों श्रद्धालुओं ने पैदल यात्रा करते हुए मंदिर तक पहुंचकर भक्ति भाव से दर्शन किए।
चित्तौड़ शहर से भी रात में ही पैदल यात्राएं शुरू हो चुकी थीं।
इस वजह से मंडफिया से मंदिर तक 7 किमी का रास्ता पदयात्रियों से भरा हुआ नजर आया।


🛑 प्रशासन ने निभाई अहम भूमिका

श्रद्धालुओं की भीड़ को सुव्यवस्थित रखने के लिए प्रशासन द्वारा:

  • मंदिर कस्बे में वाहनों की एंट्री पूरी तरह बंद की गई
  • पार्किंग कस्बे से बाहर निर्धारित की गई
  • पुलिस बल हर जगह तैनात रहा
  • कहीं भी जाम या अव्यवस्था की स्थिति नहीं बनी

इस प्रकार यह आयोजन सुरक्षित और अनुशासित ढंग से सम्पन्न हुआ।


🍛 भंडारे और धर्मशालाओं में आयोजन

  • प्राकट्य स्थल सांवलियाजी चौराहे पर भारी संख्या में भक्त पहुंचे
  • प्रसाद वितरण, भजन कीर्तन, और माखन मिश्री का आयोजन हुआ
  • देवकी सदन धर्मशाला में ब्रह्मभोज का आयोजन हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की

🌍 राजस्थान से महाराष्ट्र तक श्रद्धालुओं का तांता

इस शुभ अवसर पर:

  • राजस्थान
  • मध्यप्रदेश
  • गुजरात
  • महाराष्ट्र

…से लाखों श्रद्धालु अपने परिवार के साथ पहुंचे।
कई श्रद्धालु चतुर्दशी की शाम से ही मंदिर परिसर में डेरा जमाए हुए थे।


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