मंदसौर जिले के दलोदा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अमलावद गांव से एक दर्दनाक खबर सामने आई है। शुक्रवार सुबह गांव के एक खेत में 22 वर्षीय युवक हरीश कुमावत का शव बाड़े में फांसी के फंदे से लटका मिला। पुलिस इस घटना को आत्महत्या मान रही है, लेकिन परिजनों को हत्या की आशंका है। परिजनों ने पोस्टमॉर्टम के लिए डॉक्टरों के पैनल की मांग की है, जिससे अब यह मामला और गंभीर हो गया है।
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📍 क्या यह आत्महत्या है या सुनियोजित हत्या?
हरीश कुमावत गुरुवार रात को अपने घर नहीं लौटा था। जब परिजन उसकी तलाश में निकले, तो सुबह खेत में एक बाड़े में उसका शव फांसी पर झूलता मिला। इस दृश्य को देखकर परिवार में कोहराम मच गया।
सुबह करीब 7 बजे पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद दलोदा थाना प्रभारी बलदेव चौधरी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और मर्ग कायम कर शव को धुंधड़का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया।
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🏥 परिजनों ने की पैनल पोस्टमॉर्टम की मांग
मृतक के ननिहाल पक्ष ने स्पष्ट रूप से आत्महत्या की थ्योरी को नकारा है। उनका आरोप है कि यह हत्या है, जिसे आत्महत्या दिखाने की कोशिश की जा रही है। इसलिए उन्होंने मांग की कि पोस्टमॉर्टम जिला अस्पताल में डॉक्टरों के पैनल द्वारा कराया जाए।
पुलिस ने उनकी इस मांग को मानते हुए शव को मंदसौर जिला अस्पताल भिजवाया।
⏳ पोस्टमॉर्टम में हुई 3 घंटे की देरी
सुबह 11 बजे शव जिला अस्पताल पहुंचा, लेकिन पोस्टमॉर्टम दोपहर 2 बजे तक शुरू नहीं हो सका। पुलिस और परिजन दोनों ही पोस्टमॉर्टम कक्ष के बाहर डॉक्टरों के इंतजार में खड़े रहे।
इस देरी की वजह धुंधड़का अस्पताल की ऑनलाइन प्रक्रिया और कुछ दस्तावेजी प्रक्रियाएं बताई गई हैं।
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🧾 रिपोर्ट से खुलेगा राज
टीआई बलदेव चौधरी ने मीडिया को बताया,
“शव को मर्ग कायम कर अस्पताल लाया गया है। परिजनों की मांग के अनुसार तीन डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है। आगे की कार्रवाई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर होगी।”
मृतक हरीश के पिता की मृत्यु 14 साल पहले हो चुकी थी। वह अपने चाचा के साथ रहता था और गांव में शांत स्वभाव का युवक माना जाता था।
⚠️ सतर्क रहें, सवाल पूछें
यह मामला दर्शाता है कि एक साधारण घटना भी गंभीर संदेहों और सवालों को जन्म दे सकती है। ऐसे मामलों में परिजनों की सतर्कता और सवाल उठाना बेहद ज़रूरी है।
जनता और मीडिया को मिलकर प्रशासन पर दबाव बनाना चाहिए ताकि हर पहलू की निष्पक्ष जांच हो सके।
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