चित्तौड़गढ़: राजस्थान के गंगरार टोल नाके पर बुधवार सुबह एक ऐसा वाकया हुआ जिसने लोगों को चौंका दिया। RTO महिला इंस्पेक्टर मुक्ता सोनी और एक ट्रक ड्राइवर के बीच हुई बहस, धक्का-मुक्की और बाल खींचने की घटना के दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं।
इस घटना ने ना सिर्फ प्रशासनिक प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं, बल्कि पुलिस और RTO अधिकारियों की कार्रवाई की पारदर्शिता को लेकर भी चर्चा छेड़ दी है।
🔴 क्या है पूरा मामला?
घटना सुबह की है जब जयपुर से माल लेकर मुंबई जा रहे ट्रक को RTO की टीम ने गंगरार टोल पर चेकिंग के लिए रोका। ट्रक चला रहे उत्तर प्रदेश निवासी नाजिम खां की फाइल चेक की जा रही थी, तभी किसी बात पर विवाद हो गया।
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि महिला इंस्पेक्टर मुक्ता सोनी ट्रक ड्राइवर से बहस करते हुए उसके बाल खींचती हैं और उसे धक्का देती हैं। ट्रक ड्राइवर लगातार फाइल वापस मांगता नजर आता है जबकि इंस्पेक्टर उससे ट्रक की चाबी मांगती हैं।
📹 वीडियो में क्या दिखा?
- पहले वीडियो में ट्रक खड़ा नजर आता है और पास में खड़ी RTO अधिकारी मुक्ता सोनी गुस्से में नजर आती हैं।
- दूसरे वीडियो में वह ड्राइवर को बालों से खींचती हैं और धक्का देती हैं।
- बाद में वह खुद भी मोबाइल निकालकर वीडियो बनाने लगती हैं और भीड़ को जवाब देती हैं कि “अगर ड्राइवर गाड़ी चढ़ाकर निकल जाता तो क्या होता?”
इस पूरी घटना के बाद वहां मौजूद लोगों ने महिला इंस्पेक्टर को इस तरह की झड़प से रोकने की कोशिश भी की।
🚔 पुलिस ने ड्राइवर को किया गिरफ्तार
गंगरार थानाधिकारी डीपी दाधीच ने बताया कि RTO की टीम ने ड्राइवर को ट्रक सड़क के बीच खड़ा करने और भागने की कोशिश के कारण पकड़ा। बाद में पुलिस ने उसे धारा 151 (शांति भंग की आशंका) के तहत हिरासत में लिया।
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🗣️ महिला RTO इंस्पेक्टर की सफाई
मुक्ता सोनी का कहना है कि उन्होंने ड्राइवर को रोकने की कोशिश की लेकिन वह ट्रक बीच सड़क पर छोड़कर भागने लगा। अगर ट्रक किसी को टक्कर मार देता, तो हिट एंड रन का केस बन सकता था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ड्राइवर ने उनके साथ बदतमीजी की और चालान से बचने के लिए टायरों के नीचे लेट गया।
🧑💼 प्रशासन की चुप्पी
घटना के बाद जब जिला परिवहन अधिकारी दयाशंकर गुप्ता और प्रादेशिक परिवहन अधिकारी नेमीचंद पारीक से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। ARTO ओमप्रकाश बैरवा ने बताया कि वे बीते 5 दिनों से बाहर हैं। इससे स्पष्ट है कि प्रशासनिक स्तर पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

🔍 इस मामले से जुड़े प्रमुख सवाल
- क्या RTO अधिकारी की तरफ से की गई शारीरिक कार्रवाई उचित थी?
- क्या ड्राइवर सचमुच भागने की कोशिश कर रहा था या डर के कारण ऐसा कर रहा था?
- प्रशासन की निष्क्रियता क्या इस मामले को और गंभीर बनाएगी?
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