प्रतापगढ़

दलोट हनुमानजी मेले में असामाजिक तत्वों की करतूत: रावण दहन से पहले जलाया पुतला, समिति ने दिया जवाब

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प्रतापगढ़ ज़िले के दलोट कस्बे में चल रहे चार दिवसीय खेड़ापति हनुमानजी मेले में रविवार देर रात उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब रावण के पुतले को असामाजिक तत्वों ने आग के हवाले कर दिया।

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🔍 क्या है पूरा मामला?

प्रतापगढ़ के दलोट कस्बे में 15 अप्रैल को रावण दहन का कार्यक्रम प्रस्तावित था, जिसे लेकर नगर पालिका द्वारा रावण का एक विशालकाय पुतला तैयार किया जा रहा था। पुतले का बेस ग्रास व अन्य सूखे पदार्थों से बनाया गया था ताकि दहन के समय शोभा बढ़ाई जा सके।

लेकिन रविवार रात करीब 1 बजे, अज्ञात असामाजिक तत्वों ने उस निर्माणाधीन रावण के पुतले में आग लगा दी। कुछ ही मिनटों में पूरा पुतला जलकर राख हो गया।


👮 मौके पर पहुंची पुलिस, जांच शुरू

घटना की जानकारी मिलते ही सालमगढ़ थाना पुलिस मौके पर पहुंची और सीसीटीवी फुटेज खंगालने के साथ ही अन्य साक्ष्य जुटाने शुरू कर दिए। पुलिस ने इस घटना को पूर्व नियोजित शरारत मानते हुए अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

🔎 “हम दोषियों की पहचान कर रहे हैं, जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा,” — सालमगढ़ थानाधिकारी


🙏 समिति का संयम और नया संकल्प

मेला समिति ने रविवार शाम 4 बजे प्रेस वार्ता कर इस घटना की कड़ी निंदा की। समिति सदस्यों ने कहा कि इस प्रकार की शरारतपूर्ण हरकत से मेले के उत्साह में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।

नवीन पुतला बनाने की तैयारियाँ तुरंत शुरू कर दी गई हैं। नगर पालिका आयुक्त ललित सिंह ने पुष्टि की कि—

🗓️ “रावण दहन कार्यक्रम 15 अप्रैल को ही निर्धारित समय पर विधिविधान से संपन्न होगा।”


🎉 मेला रहेगा जारी, जनता में उत्साह बरकरार

यह मेला दलोट क्षेत्र का एक प्रमुख धार्मिक आयोजन है, जो खेडापति हनुमानजी के प्रति लोगों की आस्था को दर्शाता है। मेला स्थल पर भजन संध्या, झूले, स्टॉल, भोग वितरण और अन्य धार्मिक गतिविधियाँ निरंतर जारी हैं।

स्थानीय लोगों में घटना को लेकर रोष जरूर है, लेकिन उन्होंने समिति के निर्णय का स्वागत करते हुए सहयोग का आश्वासन दिया है।


🚨 इस तरह की घटनाएं क्यों होती हैं?

ऐसी घटनाएँ समाज में विघटनकारी तत्वों की मौजूदगी और धार्मिक आयोजनों में असहिष्णुता को दर्शाती हैं। इसीलिए आयोजकों और प्रशासन को अधिक सतर्कता और सुरक्षा इंतज़ाम करने की आवश्यकता है।


✅ क्या होनी चाहिए कार्यवाही?

  • 🔐 आयोजन स्थलों पर 24 घंटे CCTV निगरानी
  • 🧑‍✈️ रात्रि में होम गार्ड्स या पुलिस का गश्त
  • 🚧 सीमित प्रवेश और पहचान सुनिश्चित करने के लिए ID आधारित प्रवेश प्रणाली
  • 📢 स्थानीय समाजसेवियों और युवाओं की सहायता से स्वयंसेवक दल


📌 निष्कर्ष

असामाजिक तत्वों की इस हरकत ने भले ही पुतले को जला दिया हो, लेकिन जनता की आस्था और प्रशासन की प्रतिबद्धता को नहीं डिगा सके। आयोजन अपने समय पर होगा, और एक नया पुतला तैयार किया जा रहा है। ऐसे में समाज को एकजुट होकर सकारात्मकता और धर्म के संदेश को फैलाना चाहिए।


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