राजस्थान कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास उदयपुर में गणगौर पूजा के दौरान एक गंभीर हादसे का शिकार हो गईं। पूजा के समय उनकी चुन्नी में आग लग गई, जिससे वे झुलस गईं। हादसे के बाद उन्हें पहले उदयपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी स्थिति को देखते हुए तुरंत अहमदाबाद रेफर कर दिया गया। इस घटना के बाद से राजनीतिक गलियारों में चिंता का माहौल है।

कैसे हुआ हादसा?
गिरिजा व्यास की बहू हितांशी शर्मा ने बताया कि घर में गणगौर की विशेष पूजा की जा रही थी। पूजा संपन्न होने के बाद जब वे दीपक के पास से गुजरीं, तो उनकी चुन्नी ने आग पकड़ ली। हादसा इतनी तेजी से हुआ कि किसी को कुछ समझने का मौका नहीं मिला। घर में मौजूद उनके बेटे और नौकर बसंत ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया। परिवार के अन्य सदस्य भी जल्द ही अस्पताल पहुंचे।
परिवार की प्रतिक्रिया
गिरिजा व्यास के भाई गोपाल शर्मा ने बताया कि जब उन्हें घटना की सूचना मिली, तब वे अपने फार्म हाउस पर थे। उन्होंने कहा, “यह खबर सुनकर मैं तुरंत अस्पताल पहुंचा और फिर बहन को लेकर अहमदाबाद रवाना हो गया। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन डॉक्टरों की विशेष निगरानी में रखा गया है।”
अहमदाबाद में इलाज जारी
डॉक्टरों के अनुसार, गिरिजा व्यास के शरीर के कुछ हिस्से में जलन के निशान हैं। विशेषज्ञों की टीम उनके इलाज में जुटी हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि अगले कुछ दिन उनके स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण होंगे। पूरी जानकारी यहां पढ़ें।
अशोक गहलोत ने की प्रार्थना
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गिरिजा व्यास के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
“पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास जी के आग से झुलसने की खबर दुखद और चिंताजनक है। मैं ईश्वर से उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।”
इस पोस्ट के बाद कांग्रेस के कई अन्य नेताओं ने भी उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता व्यक्त की। राजनीतिक प्रतिक्रिया देखें।
राजनीतिक सफर
गिरिजा व्यास कांग्रेस की वरिष्ठ नेता हैं और उन्होंने लंबे समय तक राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई है। उनका राजनीतिक करियर काफी प्रभावशाली रहा है।
- 1977 से 1984 तक उदयपुर जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष रहीं।
- 1985 से 1990 तक राजस्थान विधानसभा की सदस्य रहीं और पर्यटन राज्यमंत्री का पदभार संभाला।
- 1991 में पहली बार उदयपुर से लोकसभा चुनाव जीता और सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री बनीं।
- 1993 में अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं।
- 1996 और 1999 में दो बार लोकसभा सदस्य चुनी गईं।
- राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में भी उन्होंने दो कार्यकाल पूरा किया।
- 2009 में केंद्रीय मंत्री बनीं और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का प्रभार संभाला।
कांग्रेस में विशेष स्थान
गिरिजा व्यास कांग्रेस की उन चुनिंदा नेताओं में शामिल हैं, जिनका पार्टी में बेहद सम्मान किया जाता है। वे पार्टी की नीतियों और महिला सशक्तिकरण के मुद्दों पर मुखर रही हैं। उनका संगठन कौशल और जनता से सीधा जुड़ाव उनकी सबसे बड़ी ताकत मानी जाती है।
गिरिजा व्यास का सामाजिक योगदान
सिर्फ राजनीति ही नहीं, बल्कि सामाजिक कार्यों में भी गिरिजा व्यास का योगदान अहम रहा है। उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। वे हमेशा से महिला अधिकारों की प्रबल समर्थक रही हैं। उनके सामाजिक कार्यों के बारे में जानें।
कांग्रेस में हलचल
गिरिजा व्यास के साथ हुई इस घटना के बाद कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता चिंता व्यक्त कर चुके हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी, और सचिन पायलट ने भी उनके जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना की है। पूरा अपडेट पढ़ें।
राजस्थान में गणगौर उत्सव का महत्व
राजस्थान में गणगौर उत्सव का विशेष महत्व है। इस त्यौहार को महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए मनाती हैं। यह त्योहार खासतौर पर उदयपुर, जयपुर, जोधपुर और कोटा में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इसी उत्सव के दौरान गिरिजा व्यास के साथ यह हादसा हुआ, जिसने सभी को चिंतित कर दिया। गणगौर उत्सव के बारे में अधिक पढ़ें।
निष्कर्ष
पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास के साथ हुआ यह हादसा राजस्थान की राजनीति और कांग्रेस के लिए एक चिंता का विषय बन गया है। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि वे जल्द स्वस्थ हो जाएंगी, लेकिन अभी उनकी स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों ने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। इस घटना से एक बार फिर यह संदेश मिलता है कि पूजा-पाठ के दौरान आग से सुरक्षा के पूरे इंतजाम रखने चाहिए। नवीनतम अपडेट के लिए यहां क्लिक करें।
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