चित्तौड़गढ़

🚨 चित्तौड़गढ़ हादसा: गूगल मैप की गलती से टूटी पुलिया में गिरी कार, 6 साल की बच्ची अब तक लापता

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चित्तौड़गढ़। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में कपासन क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। गूगल मैप (Google Map) की गलत दिशा दिखाने के कारण एक परिवार की कार टूटी पुलिया से पानी में जा गिरी। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 6 साल की बच्ची रुत्वी का अब तक कोई सुराग नहीं मिल सका है। SDRF और सिविल डिफेंस की टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही हैं।


🕒 हादसा कब और कैसे हुआ?

  • हादसा मंगलवार (26 अगस्त) देर रात करीब 1 बजे हुआ।
  • भूपालसागर के कानाखेड़ा गांव निवासी मदनलाल अपने परिवार के साथ भीलवाड़ा जिले के प्रसिद्ध सवाई भोज मंदिर से दर्शन कर लौट रहे थे।
  • गूगल मैप ने गलत रास्ता दिखा दिया और कार टूटी हुई सोमी-उपरेड़ा पुलिया पर पहुंच गई।
  • पुलिया पर पानी का तेज बहाव था, अंधेरे में कुछ दिखाई नहीं दिया और कार पानी में गिरकर बह गई।

🚗 कार में कितने लोग थे?

कार में परिवार के कुल 9 सदस्य सवार थे।

  • सुरक्षित बचे: मदनलाल (25), हितेश (16), लीला (18), काव्यांश (9 माह), आयांश (9 माह)
  • मृतक: चंदा (21), ममता (25), खुशी (4)
  • लापता: रुत्वी (6 वर्ष)

बुधवार सुबह मृतकों के शव बरामद कर लिए गए और गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया।


🌊 कैसे चल रहा है सर्च ऑपरेशन?

  • हादसे के बाद SDRF और सिविल डिफेंस की 3 टीमें सोमी-उपरेड़ा पुलिया से 5 किलोमीटर तक सर्च ऑपरेशन चला रही हैं।
  • बुधवार को तेज बहाव के कारण तलाश मुश्किल रही।
  • गुरुवार सुबह पानी का स्तर घटने पर तलाशी अभियान फिर शुरू हुआ।
  • शाम तक भी बच्ची का शव नहीं मिला। शुक्रवार को भी तलाशी अभियान जारी रहेगा।

👉 गुरुवार शाम 6:30 बजे मरमी माता पुलिया के पास शव होने की सूचना मिली, लेकिन मौके पर जांच करने पर कुछ नहीं मिला।


🏞️ मातृकुंडिया बांध खोले गए गेट

  • बुधवार रात 9 बजे मातृकुंडिया बांध के 6 गेट खोले गए, जिससे पानी का बहाव तेज हो गया।
  • बाद में रात 11 बजे और 4 गेट खोले गए।
  • गुरुवार सुबह 4:30 बजे गेट बंद किए गए, तब पानी का स्तर कम होने पर खोज अभियान तेज किया गया।

📌 गूगल मैप और हादसों पर सवाल

यह हादसा गूगल मैप की गलत दिशा के कारण हुआ। इससे पहले भी राजस्थान और अन्य राज्यों में कई बार नेविगेशन की गलत जानकारी के कारण सड़क हादसे सामने आ चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को इन टूटे हुए पुलियाओं और खतरनाक रास्तों पर चेतावनी बोर्ड लगाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।


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